ईश्वर की वाणी (वॉइस ऑफ गॉड) 26/01/2019-2 बजे आधी रात्रि मुझे सुनाई दी थी।

प्रिस्का ....... प्रिस्का ..... प्रिस्का  ! प्रभू का आत्मा तुझ पर छाया रहता है, क्योंकि मैं ने  तुमको अभिषेक किया हूं। मैं तुम को रोगियों को चंगा करने, दरिद्रो को सुसमाचार सुनाओ, बंदियों को मुक्ति का, और अंधों को दृष्टीदान, दुष्टात्माओ को निकालो, और मेरा अनुग्रह सदा तेरे  साथ रहेगा।(यह वाणी अंग्रेजी में था)( 26 जनवरी वर्ष 2019)
           जैसे ही यह वाणी मुझे सुनाई दिया, मै तुरंत जाग गई और मेरा कान में वो परमेश्वर की आवाज गूंजती रही, मै अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी, मै पवित्र आत्मा से भर गई थी, मै अपने आंखें खोल नहीं पा रही थी, और प्रभु की आवाज  इतनी मीठा और बुलंद था , मै वर्णन नहीं कर सकती,  मै उसी समय अनोखी भाषा बोलती रह गई , रोक नहीं पा रही थी।  और मेरी आंखों   की आंसू बहते जा रहे थे  ।
                     जब मै प्रभु की वाणी , उनकी आदेश को स्वीकार ली और मै बोली ," प्रभू मै तैयार हूं। "तब मै आत्मा से आविस्ट होकर एक दूसरे जगह चली गई जहां मुझ को स्वर्ग दूत ने दो पवित्र बाईबल दिया...(1) जो कवर लगा हुआ था और  (2) बिना कवर का था। पहला बाईबल मै ने अपने बाहों में ले ली और दूसरा बाईबल मै ने अपने हाथ में रखी।
               उसके बाद मैं एक दूसरे जगह चली गई, वहां मुझ को स्वर्ग दूत ने चाभी का गुच्छा दिए। और वो चाभी का गुच्छा में हजार से ज्यादा चाभियां थी। और यह मूझको संदेश दिया कि जो भी तुम मेरे नाम से प्रार्थना करोगी, और जो इस बात को स्वीकार करेगा तो उसका बन्धन टूटेगा, और जो इस बात को स्वीकार नहीं करेगा, उसका बन्धन बना रहेगा।(वर्ष 2018)
              उसके बाद मैं एक दूसरे जगह चली गई और वहां मुझ को स्वर्ग दूत ने एक बहुत ही सकरी और बहुत ऊंची सीधी सीढ़ी से ऊपर ले कर मुझको एक बहुत बड़ा
खजाना गोदाम में अपना खजाना बक्सा नाम देख कर उठाने के लिए बोला। मैं ने अपने नाम का खजाना बक्सा अपने माथे पर रख कर ले आयी।  वर्ष (2018)
                  उसके बाद मैं एक दूसरे जगह चली गई, और वहां पर एक स्वर्ग दूत ने एक हंसुआ दिए, उस हंसुआ को उसने ऐसे दिए कि हंसुआ का धार बाएं हाथ तरफ और लकड़ी का हिस्सा दाहिने तरफ रखा।
(यह दर्शन मुझको स्वर्ग दूत ने तीन बार दिया.........
(1) जब मै मिशन के विद्यालय में टीचर थी।( वर्ष 1994 (3) अब मै  कार्यालय में कर्मचारी के पद पर कार्यरत हूं। ( वर्ष2017 ) और वर्ष 2019 को,
        उस समय मै पवित्र आत्मा से भर कर इतनी खुशी लग रही थीं कि उसे मै अपने जुवान से वर्णन नहीं कर सकती हूं । मुझे आत्मा से प्रेरित होकर प्रभु की वाणी उनकी आदेश को को सुनाने के लिए इधर उधर जा कर सुना रही थी। मुझे एक दिन रात को माला विनती के समय ईश्वर ने दर्शन दिए कि तुम चंगाई प्रार्थना रविवार के दिन रखना और अपनी सामर्थ पाने के लिए सुक्रवार को रखना, जो तेरे लिए मै ने रखा है। उसी समय से मै लगातार प्रभु की सेवा में समर्पित हूं। 
       अक्टूबर माह वर्ष 2018  को मुझको   स्वर्ग राज्य का दर्शन हुआ। प्रार्थना के समय पवित्र आत्मा की अगुवाई में स्वर्ग राज्य का दृश्य दिखाई दिया। जब मै स्वर्ग के द्वार के पास पहुंची तब वहां दरवाजा के पास खड़ा हुआ आदमी ने दरवाजा खोला, उनके पास बहुत बड़ा चाभी था, और उस चाभी के साथ चाभिया
 के गुच्छे भी था।
          जब  मै अन्दर जा रही थी तो बहुत ही अच्छा लग रहा था। मनमोहन विशाल फूलों की बगीचा देखी, जहां पर बहुत छोटे बच्चे  एवं बच्चियां सफेद फ्रॉक,  शर्ट सफेद रंग के मुकुट पहने हुए थे और सब अपने अपने ठोकरी में फूल चुन चुन कर भर रहे थे।
         दूसरी तरफ मै ने देखी, एक बहुत बड़ा सुन्दर नगर, और बीच में सफेद पानी का नदी बहती थी ।
मै सभी दृश्य देख कर बहुत खुश हुई। जब मुझे पानी प्यास लगी तो मैं एक आदमी से पानी मांगी उसने मुझे उस  नदी का सफेद पानी को पीने के लिए बोले कि उस नदी का पानी को तीन बार हाथ में भर कर पीना, और आना, मै ने वैसे ही किया।
    उसके बाद मुझ को मेरी मसी से मुलाकात हुई, जो पहले ही स्वर्गवास हो चुकी हैं। उसने मुझको वहां नहीं रहने के लिए बोली, तब मै बोली कि नहीं रहूंगी मौसी।
मुझको स्वर्ग राज्य देखने के लिए लाया गया है। उसने बोली चलो तो दिखाती हूं..... उसने मुझे बहुत बड़ा गिरजा घर के पास ले गई वहां स्वर्ग दूतों से भरा हुआ था, वहां बड़ा सा गिरजा घंटी बजा रहे लोगों को देखे।
फिर गिरजा जा रहे लोगों को देखे जो एक ही रंग के कपड़े पहने हुए थे बैंगनी रंग का, सफेद मुकुत पहने हुए थे। बड़े छोटे अलग अलग लाइन में खड़े होकर जा रहे थे। मैं भी गई लेकिन अपना कपड़ा में। गिरजा में स्वर्ग वासी की स्तुति आराधना से प्रसन्न होकर मै भी गाना शुरू कर गाती रही।
      उसके बाद मुझ को एक बहुत बड़ा गोदाम के पास ले गई वहां पर मौजूद सफेद रंग, बैगनी रंग, लाल, कपडे दिखाई, जो उन लोगों का प्रतिदिन का गिरजा पहने का  कपड़े हैं। 
     उसके बाद मुझ को सुधागानी के लोगों को ।
      

             वर्ष 2018  जनवरी से वर्ष 2019  तक दरवाजा खटखटाने का  आवाज केवल तीन बार हल्का सा अंगुली नोक का सुनाई देती थी उसके बाद किसी आदमी का आवाज इतनी मीठा सुनाई  देता था। जब मैं दरवाजा खोल ने जाती थी और पूछती थी तो कोई नहीं रहता था। इस तरह की आवाज लगातार होते रहा। एक दिन रात को 2 बजे फिर वहीं आवाज सुनाई दिया। जब मैं दरवाजा के पास जा कर पूछी, तो कोई नहीं बोला? 
तब मै अपने मन में सोची कि कौन है मुझ को ऐसा करता है। और अपने बेड पर आ कर बैठ गई और प्रार्थना करने लगी, कि प्रभु यीशु मसीह  कौन है मुझ को ऐसा करता है अगर आप है तो मुझे अभी ही दर्शन दीजिए, तो उसी समय मै पवित्र आत्मा से भर गई और अनोखी भाषा बोलने लगी। प्रभु की महिमा हो अमीन।
                फिर एक दिन सुबह प्रार्थना के समय मेरे कंधा में हाथ रख ने का अनुभव हुआ, पहले बार  हुआ मै प्रार्थना में लीन थीं ,फिर दूसरी बार हुआ तो मैं बोली की प्रभु मुझे कौन स्पर्श किया अगर आप है तो मुझे अभी ही दर्शन दीजिए तो मैं उसी समय पवित्र आत्मा से भर गई और अनोखी भाषा बोलने लगी और बोलती रह गई थी बंद नहीं हो रहा था , बहुत देर बाद मैं शांत हो गई। और खुशी से उछल रही थीं मुझ बहुत खुशी लग रहा था जिसके कारण मै सो नहीं पा रही थीं ।

        इस तरह का पवित्र आत्मा का अनुभव पहले मुझे 
वर्ष 1994 मार्च माह में क्रस रास्ता के समय चंदना मिशन में मिला था , माला विनती की भक्ति और माता मरियम की असीम कृपा, और प्रभु यीशु मसीह की महिमा स्तुति आराधना से प्रसन्न होकर प्रभु ने उस चिलचिलाती धूप में ना धूप का अनुभव हुआ और  ना  पानी प्यास लगी। मै प्रार्थना करते हुए बिना छाता बिना पानी पिए ही चांदना मिशन से मनिकबाथन पहुंचे और मुझे 12 वां पाठ पढ़ ते समय यीशु मसीह का प्राण त्याग देने का दर्शन दिखाई दिया। मैं रो रो कर पाठ पढ़ रही थी। उसके बाद मुझ को बेहद खुशी लगा मै वर्णन नहीं कर सकती हूं। और गिरजा में गाना गाते समय मेरी आवाज गूंज रही थी।
          और परम प्रसाद ग्रहण के समय जब मैं लेने खड़ी हो गई थी, तो फादर बोले खत्म हो गया, उसी समय मै पवित्र आत्मा से भर गई और मैं अपने आप को संभल नहीं पा रही थी मेरे आंखें आंसू से भर गए थे और मै पवित्र आत्मा पा कर आनन्द विभोर होकर रोती जा रही थी। उसके बाद पुरोहित ने हाथ रख कर प्रार्थना किए मै पूर्ण रूप शान्ति और आनन्द से भर गई थी।
प्रभु यीशु मसीह स्तुति आराधना और उनकी महिमा हो अमीन।
         

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