सामरी स्त्री और येसु मसीह (4:7-15)

एक सामरी स्त्री पानी भरने आयी। ईसा ने उसे कहा, मुझे पानी पिला दो क्यों कि उनके शिष्य नगर में  भोजन खरीदने के लिए गए थे। यहूदी लोग अनलोगोों से कोई संबंध नहीं रखते थे। इसलिए सामरी स्त्री ने येसु से कहा,
यह क्या कि आप यहूदी हो कर भी मुझ सामरी स्त्री से पीने के लिए पानी मांगते हो? यीशु मसीह ने उत्तर दिया," यदि तुम ईश्वर का वरदान पहचानती, और यह जानती कि वह कौन हैं, जो तुम से कहता है_ मुझे पानी पिला दो तो तुम उसे मांगती और वह तुम्हें संजीवन जल देता" । स्त्री ने उन से कहा, महोदय ! पानी खींचने के लिए आप के पास कुछ भी नहीं है ,और कुंए भी गहरा है, तो आप को वह संजीवन जल कहां से मिलेगा? क्या आप हमारे पिता याकूब से भी महान है?
               यीशु ने उसे कहा ,जो यह पानी पीता है, उसे फिर प्यास लगेगी। जो जल मै उसे प्रदान करूंगा ,वह उसमें वह स्रोत बन जायेगा, जो आनंत जीवन के लिए उमड़ता रहता है। इस पर स्त्री ने कहा ,महोदय मुझे यह जल दीजिए, जिसे मुझे फिर प्यास न लगे और मुझे यहां पानी भरने न आना पड़े।( पार्ट-1)

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