" बेथानिया में भोज" ( संत जोहन 12:1-8)

ईसा मसीह लजरूस के घर गए थे जिसे उन्ह्हों नेेेे मरने के बाद पुुन जीवित किया था।  वहां ईसा के आदर में एक भोज का आयोजन किया गया था। मार्था परोसती थी ,और ईसा के साथ भोजन करने में वालों  लाजरस भी था। मरियम ने आधा सेेर असली जटामंझी  का बहुुमूल्य   इत्र ले कर ईसा के चरणों का विलोपन किया । और अपने बालों से उनके चरण पोंछ  ली।  इत्र की सुगनध से सारा घर महक उठा ।
           इस पर ईसा का एक शिष्य, युदस इस्करियोटी, जो उनके साथ विश्वासघात करने वाला था, यह बोला, तीन सौ दीनार में बेच कर, इस इत्र की कीमत गरीबों में क्यों नहीं बांट दिए गए ? उसने यह इसलिए नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिंता थी, बल्कि इसलिए कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी, उस में वह भरता था। वह उसे निकल लेता था। ईसा ने कहा उसे छोड़ दो। इसने मेरे दफन के दिन की तैयारी में यह काम किया। गरीब तो हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे लेकिन मै तो हमेशा तुम्हारे साथ नहीं रहूंगा।

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